
जहाँ एक ओर भारत सरकार ने ‘आतंकवाद के ख़िलाफ़’ ग्लोबल लेवल पर एकजुटता दिखाने के लिए सर्वदलीय शिष्टमंडल भेजा है, वहीं सोशल मीडिया के वॉर रूम में देशभक्ति की परीक्षा का नया सेशन शुरू हो गया है — और इस बार टारगेट हैं सलमान ख़ुर्शीद!
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“मिशन मलेशिया”: आतंकवाद पर वार, ट्विटर पर ताने की मार
सलमान ख़ुर्शीद मलेशिया में बैठकर आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत की आवाज़ बुलंद कर रहे थे, लेकिन उनके कानों में देश से आते ट्विटर के डंके गूंज रहे थे — “आप बीजेपी वालों के साथ क्या कर रहे हैं?”
भाई साहब, विदेश नीति में पार्टी लाइन का GPS नहीं चलता। लेकिन क्या करें, देश में अब देशभक्ति का नया सॉफ्टवेयर आ गया है — “ट्विटर ट्रस्ट स्कोर”।
राजनीतिक वफ़ादारी या देशभक्ति की एजेंसी?
ख़ुर्शीद ने कहा, “हम यहां देश के लिए हैं, पार्टी के लिए नहीं।”
लेकिन विरोधियों को तो शक की दुकान चलानी है — हर बयानी स्टॉक में जांचना है कि कहीं ‘दूसरे ब्रांड’ का तो नहीं!
सोशल मीडिया: नया रक्षा मंत्रालय
वो ज़माना गया जब रक्षा मंत्रालय दिल्ली में था। अब हर देशवासी अपने-अपने फोन में एक छोटा रक्षा मंत्रालय लेकर चलता है — कुछ भी बोलो, तुरंत RTI, पोल और थ्रेड शुरू!
ख़ुर्शीद पूछते हैं: “देशभक्त होना इतना कठिन क्यों है?”
हम जोड़ते हैं: “क्योंकि अब देशभक्ति ट्वीट से नापी जाती है, और वफ़ादारी का सर्टिफिकेट इंस्टाग्राम स्टोरी में मिलता है।”

क्या देश अब “Like” से चलता है?
शायद आने वाले वक्त में पासपोर्ट के साथ ‘पार्टी वफ़ादारी कार्ड’ भी दिखाना पड़ेगा। और विदेश जाते वक्त सोशल मीडिया पर ‘देशभक्ति स्टेटस’ अपडेट अनिवार्य होगा — #CurrentlyPatriotic
तो अगली बार जब कोई नेता विदेश यात्रा पर जाए, तो पहले ट्विटर पोल कर ले – “आपको लगता है मैं देश के लिए जा रहा हूँ या पार्टी बदलने?”
